Shodashi - An Overview

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॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

नवयौवनशोभाढ्यां वन्दे त्रिपुरसुन्दरीम् ॥९॥

Goddess is commonly depicted as sitting on the petals of lotus that may be retained around the horizontal body of Lord Shiva.

Shodashi is deeply connected to the path of Tantra, the place she guides practitioners toward self-realization and spiritual liberation. In Tantra, she's celebrated since the embodiment of Sri Vidya, the sacred know-how that contributes to enlightenment.

सा मे दारिद्र्यदोषं दमयतु करुणादृष्टिपातैरजस्रम् ॥६॥

It truly is an practical experience of your universe within the unity of consciousness. Even in our normal condition of consciousness, Tripurasundari would be the attractiveness that we see on the earth all-around us. Whichever we understand externally as beautiful resonates deep within.

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

लक्ष्या मूलत्रिकोणे गुरुवरकरुणालेशतः कामपीठे

कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।

हस्ते पाश-गदादि-शस्त्र-निचयं दीप्तं here वहन्तीभिः

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥७॥

कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् ॥२॥

कर्तुं देवि ! जगद्-विलास-विधिना सृष्टेन ते मायया

Reply ray February 26, 2021 Good day sharma, Is that this doable to be aware of the place did you discovered that individual shodashi mantra, since it is totally distinct from unique which happens to be for a longer period.

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